कलम बोलती है साहित्य संगम को एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक का नमस्कार वणक्कम्।
विषय --उम्मीद
विधा --अपनी हिंदी अपने विचार
अपनी स्वतंत्र शैली भावाभिव्यक्ति
1-5-25.
-----+---++++++++++++++
उम्मीद नहीं तो,
एवरेस्ट चोटी पर कदम रखने का साहस कैसे?
उम्मीद नहीं तो
देवकी सुरक्षा कैसे?
सीखते हैं धार्मिक ग्रंथ
मिलती हैं नसीहतें।
अत्यंत असाध्य रोग,
असाध्य दरिद्रता,
मृत्यु शोक,
तब भी निराश न होकर
सृजनहार की लीला,
कर्म फल, पाप दंड
ईश्वर पर ध्यान करो
यह उम्मीद वाल्मीकि के जीवन से,
मन चंगा हो तो कठौती में गंगा
रैदास कवि के जीवन का संदेश।
आध्यात्मिक उम्मीदें
भाग्य का फल,
आत्मज्ञान आत्म भाव।
नर हो, निराशा न करो मन को
गुप्त जी का गुप्त संदेश।
मानव में उम्मीद गोताखोरों को
मोती पाने,
कोलंबस का उम्मीद,
वास्कोडिगामा की समुद्री यात्रा।
ऋषि-मुनियों की घोर तपस्या।
उम्मीद के बल ईश्वर का साक्षात्कार।
विश्व शांति का संदेश।
उम्मीद और प्रयत्न न तो
ज्ञान चक्षु मानव चक्षुहीन।
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना
No comments:
Post a Comment