पल दो पल में
प्रलय भी हो जाता।
पल के प्रलय में
बहुत कुछ हो जाता।
पलक झपकते समय में
बड़ी दुर्घटना हो जाती।
जुड़वे बच्चे के जन्म में
पल दो-पल के फर्क में
भाग्य रेखा बदल जाती।
पल दो पल के फिसलन में
जिंदगी बरबाद हो जाती।
पल दो पल में
जय पराजय में
पराजय जय में बदल जाता।
पल दो पल की आँखें मारने से
प्यार हो जाता
न तो जूतों का मार पडता।
जिंदगी के सुख-दुख का फेर
ग्रह दशा का परिणाम।
पल पल में कितना परिवर्तन।
हिंदी का एक दोहा
कल करै तो आज कर
आज करै तो अब।
पल में प्रलय होएगी।
अतः पल पल का ध्यान रखना चाहिए।
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।
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