Monday, April 21, 2025

मैं हूँ भारतवासी

 मैं भारत का हूँ।

 अंग्रेज़ी विदेशी भाषा 

उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए अनिवार्य।

बिना अंग्रेज़ी के घर में न चूल्हा जलेगा।

न ऐ.टी क्षेत्र में पांच चार  आंकड़ों के वेतन।

भारतीय आर्थिक  उन्नति  मधुशाला के कारण नहीं 

 ऐटी क्षेत्र के कारण।

 दसवीं कक्षा तक मातृभाषा 

आठवीं कक्षा तक हिंदी 

 हिंदी दसवीं में है तो

आठवीं कक्षा तक मातृभाषा।।

 मातृभाषा तेलुगू  पढ़ने लिखने के लिए नहीं 

 केवल बोलने के लिए।

 मातृभाषा बन गई तमिल।

 वह भी दसवीं तक।

 बाद अंग्रेज़ी मिश्रित  मातृभाषा न बोलने पर

 हम बनजाते अशिक्षित गँवार

 चंद सालों के बाद भारत

 अंग्रेज़ी प्रधान देश।

आज के युवक समय, वार सब 

 तमिल में बोलने पर मंगलवार न जानता अंकिल,

ट्यूसडे बोलिए ।,

 मैं ही भारत वासी 

 न चीनी, जापानी, फ्रांसीसी,रूसी।

बिना अंग्रेज़ी के दाल न गलेगा।

 मैं हूँ भारत वासी।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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