Wednesday, April 30, 2025

खामोशी।

 साहित्य बोध जम्मु कश्मीर इकाई को नमस्कार वणक्कम्।

 1-5-25.

विषय -खामोशी  बहुत कुछ कहती हैं

‌विधा --अपनी हिंदी अपने विचार 

       अपनी स्वतंत्र शैली भावाभिव्यक्ति 

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 एकांत में खामोश,पर

 चित्त में ज्वार भाटा।

  सिद्धार्थ बैठे

  बौद्ध धर्म अग जग में 

 सत्य अहिंसा का संदेश।

 अमीर की गाली,

बुद्ध चुप,

 अमीर के प्रश्न क्यों चुप?

बुद्ध तुम धन देते तो

 मैं न लेता तो

 वह धन तेरा।

तेरी गाली मैं न लेता तो

 वह किसकी?

अमीर का घमंड खाली।

ख़ामोश मन में ब्रह्म चिंतन।

जगत कल्याण,

कामान्ध तुलसीदास,

 लुटेरा वाल्मीकि 

 ख़ामोश तपस्या ईश्वर ध्यान।

परिणाम मूल रामायण से

 तुलसी रामायण जन जन में।

 घोर जंगल में घोर तपस्या।

 परिणाम वेद उपनिषद।

ज्ञान विज्ञान ।

 ख़ामोश रहना असंभव,

पर खामोशी में 

 अंधेरे गुफा में 

 ईश्वर का पैगाम।

नबी को।

 ख़ामोश की महिमा असीम।

 आदर्श विचारों की चरम सीमा।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

सौहार्द सम्मान प्राप्त हिंदी प्रेमी।

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