Tuesday, April 29, 2025

नश्वर जग में,अनश्वर चिंतन

 नश्वर जग में, अनश्वर चिंतन

एस. अनंत कृष्णन,चेन्नई  के चित्त में

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अनंत आनंद, अनंत शांति,

अनंत संतोष,अनंत साहस

आरोग्य देह, निश्चल मन

किसमें होगा? कैसे होगा?

क्यों होगा ? इस मृत्यु लोक में।

ईश्वर की सृष्टि में कसर है?

मानव की सृष्टियों में 

मानवता हैं क्या ?

मानव मानव में कितने भेद?

रंग में,गुण में, चालचलन में,

बुद्धि लब्दी में, कार्य कौशल में,

हर बात में अंतर ही अंतर। 

लौकिक अलौकिक चिंतन.

लौकिक चिंतन में ईमानदारी

अलौकिक चिंतन में बेईमान।

दयालू,निर्दयी, स्वार्थी, निस्वारिथी

भोगी,त्यागी,यही है मानव जीवन।.

एकता खून में नहीं?

एकता सहोदर में नहींं।

पंचतत्वों की तटस्थता 

मानव में नहीं,राम नें नहीं,कृष्ण में नहीं।

सब सृष्टियों में एकता उसकी नश्वरता मेंही।

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