Sunday, April 27, 2025

कविता मायाजाल

 कविता का मायाजाल,

 सुप्त जनता में जागृति।

 अज्ञानांधकार मिटाकर 

ज्ञान का प्रकाश।

 स्वतंत्रता  जन्म सिद्ध अधिकार।

 निज भाषा उन्नति अहैसब  उन्नति का मूल।

 जय जवान जय किसान।

 वसुधैव कुटुंबकम्,

 सर्वे जना: सुखिनो  भवति।।

  कविता का मायाजाल जाल।

 सांसारिक एकता जान।।

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