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Sunday, July 24, 2016

देवियाँ

आज शुक्रवार है।
देवियों की पूजा।
सोचा देवियों नाम।
अष्टलक्ष्मी  में सब सम्मिलित।
अलावा इनके तीन देवियाँ,
सरस्वती,लक्ष्मी , पार्वती।
   कितने नाम ,कितनी कीर्ती
फिर भी भय रहित कर रहे हैं बलात्कार।
सद्बुद्धि दें मानव को  नहीं तो दिखाओ,
अपनी  शक्ति।
दुर्गा कहते हैं, उनमें कितनी दुर्गाएँ ,
कनकदुर्गा, वनदुर्गा, 
शीतला देवी,संतोषी माँ, भुवनेश्वरी देवी,
महिषासुर वर्द्धिनी,काली,भद्र काली,
दाक्षायिनी,  बृहननायकी,  भवानी, रेणुका दैवी,
उमा महेश्वरी,  कर्पकवल्ली ,  मीनाक्षी ,कामाक्षी,
विशालाक्षी,  सौडांबिका,चामुंडीश्वरी,
सप्तमाताएँ,सप्तकननिका,
इतनी शक्तियाँ ,इतना बलात्कार,
इतना भ्रष्टाचार । भ्रष्टाचारियों का बचाव।
जरा सोचा इतना भय ,इतनी शक्तियाँ,
फिर भी इतना अन्याय।
न  देवियों का भय, न अपमान का भय।
तमाशा देखिए : सबका जन्म ,सबकी मृत्यु सम।
न कुछ ले आया, न किछ ले गया।

Saturday, July 23, 2016

கடவுள் யார் .?

ஆலமரத்தடி விநாயகரை விட
வைரக்கிரீடம் தங்க கவசம் சாத்திய
கடவுள்களுக்கே  கூட்டம் .

அஹம் ப்ரஹமாஸ்மி.
ரஜினி ரசிகன் ரஜினி படம் முன் மண்சோறு சாப்பிடுகிறான் .
கடஅவுட் பாலாபிஷேகம் செய்கிறான் .
கற்பூரம் காட்டுகிறான் .
குஷபு கோவில் அனைவருக்கும்
தெரியும் .எம்.ஜி.யார் கோவில்
அண்ணா சமாதியில் வழிபாடு
ஈவேரா செருப்புகழட்டிவிட்டுத்தான்  சமாதிக்குள் .பக்தி
என்னடம் பணம் இருந்து
லட்சம் பேருக்கு தலா ஒரு லட்சம் கொடுத்தால் நானே கடவுள் . வள்ளல் .
தொழிற்சாலை முதலாளியாகி ஐயாயிரம் பேருக்கு வேலை அளித்தால் நானே தெய்வம்.
விபத்தில் அடிபட்டு யாரும் கவனிக்காத போது முன் பின் அறியாத ஒருவர் முதலுதவி செய்து   மருத்துவமனையில் சேர்த்தால் அவனே கடவுள்.
இப்படி உடனடி தேவைகளுக்கு உதவ  மனிதர்களை அனுப்பும்
ஆண்டவன் ஒரு பெரும் சக்தி.

शिव क्रीडा कण्णदासन कवि राज का गाना


तिरुविलैयाडल| तमिल चित्रपट
कण्णदासन गीत ।

शिव मनुष्य रूप में अवतार लेकर गाने की कल्पना।
देखने में तो  हरा पेड़,  (पेड मनुष्य का प्रतीक )
  लेट  जाएगा तो लम्बा पेड़.

-क्यावह ईंदन बनेगा?
ज्ञान  स्वर्ण  है  तू  ।

आग में  जलें तो    कोयला बचेगा ?
 .. ... ज्ञानस्वर्ण है तू।
स्वर्ण  -अमूल्य चीजों   के  बोरें   जमाकर रखा,
ये पिछले साल  की वर्षा पर विश्वास  करके  बीज बोये,
..
हिसाब बही को बदल-बदलकर   लिखा करते  थे
.
ईश्वर  के हिसाब   न बदला,

गिर पड़े
अति   सुन्दर शारीर  ,

देखो ,

फूल और तिलक सहित.
ये  पैर   पसारकर  लेट जाय तो मूल्य    होगा क्या?
घूम-घूम नाचने की जवानी देख,

शरीर कूबड़  हो जाएँ तो क्या   नाचेगा?
फसल   काटने के पहले कैसे बीज बो सकते हो?
हरे भगवान!  तेरी  सृष्टि में  कितना तेज़  कैसे ?
दस बच्चे होने के बाद भी  गर्भ-धारण ?
इस पापी  बेटी   को रोज क्यों गर्भावेश?
देखने  में हरा पेड़,

लेट जाएगा  तो लम्बा पेड़.

जलें  तो  न प्रयोज़न।।

( मनुष्य  शरीर की हरियाली सूखेगी तो न प्रयोजन,
जनसंख्या बढने में न देरी।)
பார்த்தா பசுமரம்== देखने में तो  हरा पेड़,
= படுத்துவிட்டா நெடுமரம் =  लेट  जाएगा तोलम्बा पेड़.
சேர்த்தா விறகுக்காகுமா? --क्यावह ईंदन बनेगा?
-ஞான தங்கமே===ज्ञान  स्वर्ण  है
--- தீயிலிட்டா கரியும் மிஞ்சுமா.
=आग मेंजलेंतो    कोयला होगा?..ஞான தங்கமே... ज्ञानस्वर्ण है.
பொன்னும் பொருளும் மூட்டைக் கட்டி போட்டு வச்சாரு
स्वर्ण  -अमूल्य चीजों   के  बोरें   जमाकर रखा,
இவரு போனவருஷம் மழைய நம்பி விதை  விதைச்சாரு
ये पिछले साल  की वर्षा पर विश्वास  करके  बीज बोये,
..
ஏட்டு கணக்க மாத்தி மாத்தி எழுதிவச்சாரு.
हिसाब बही कोबदल-बदलकर   लिखा करतेथे
.ஈசன் போட்ட கணக்கு மாறவில்லே போய்
ईश्वर  के हिसाब   न बदला, गिर पड़े
விழுந்தாறு..
கட்டழகு மேனியைப் பார் பொட்டும் பூவுமா,
अति   सुन्दर शारीर  देखो  फूल और तिलक सहित.
நீட்டிக் கட்டையிலில படுத்து விட்டா காசுக்காகுமா?.
ये  पैर   पसारकर  लेट जाय तो मूल्य    होगा क्या?
வட்டமிடும் காளையைப் பார் வாட்ட சாட்டமா கூனி
घूम-घूम नाचने की जवानी देखो,
வளைஞ்சி விட்டா ஒடம்பு இந்த ஆட்டம் போடுமா??
शरीर कूबड़  हो जाएँ तो क्या   नाचेगा?
அறுவடைய முடிக்கும் முன்பே விதைக்கலாகுமா
फसल   काटने के पहले कैसे बीज बो सकते हो?
அட ஆண்டவனே உன் படைப்பில் இத்தனை வேகமா??
हरे भगवान!  तेरी  सृष्टि में  कितना तेज़ कहाँ?
பத்து புள்ள பெத்த பின்னும் எட்டுமாசமா?
दस बच्चेहोने के बाद भी  गर्भ-धारण ?
இந்தப்பாவி மகளுக்கெந்த நாளும் கர்ப்ப வேசமா??
इस पापी  बेटी   को रोज क्यों    गर्भ वेश ?
பார்த்தா பசுமரம் படுத்து விட்டா நெடு மரம்..
देखने  में हरा पेड़,  लेट जाएगा  तो  लम्बा पेड़.
जलें  तो  न प्रयोज़न।

Thursday, July 21, 2016

भगवान

भगवान
_______
भगवान उनके साथ जो भाग्यवान होते हैं.
भाग्यवान कौन ?
धनी ? गरीब ? ईश्वर भक्त ? गृहस्थ ? अविवाहक ?
धनी ही सुखी गरीब समझता है ,
पर मेहनती गरीबों की मीठी सहज नींद ,
धनी सोते हैं ? पता नहीं .
एक राजा ने कंकरीली पत्थर पर सोनेवाले ,
अर्द्धनग्न भिकारिन को चमेली से भरे बिस्तर पर
सुलाया , दो दिन की मीठी नींद के बाद ,
राजा ने देखा , वह मीठी नींद सोने के बदले
बिस्तर पर के चमेलियों में कुछ तलास कर रहा था ;
राजा ने सबेरे पूछा --क्या आप कंकरीली पत्थर पर
कष्ट की नींद सो रहे थे ; तीन दिन की नीद कैसी थी?
आराम दायक ,सुख प्रद , संतोष प्रद ?
भिखारिन ने बताया इतना सुख , इतना मुलायम .
पर मुलायम फूलों के बीच जो फूल का मस्सा था,
उसके चुभने से नींद नहीं आयी .
तीन दिन के सुखी मुलाम पर सोने का असर
गरीब की नींद को बिगाड़ दिया तो
धनियों की मीठी नींद के लिए नींद की गोलियाँ .
धनी धनी होता है तो दानी नहीं है.
भारत देश में धनी भगवान के वरदान के लिए ,
धन लाभ के लिए हुंडी में लाखों डालता हैं ,
गरीब भी अध्-भूखा पैसे बचाकर हुंडी में डालता है,
हुंडी में डालने से एक दैविक सुख- आनंद -संतोष का
इतना अनुभव करता हैं ,अगले साल भर -पेट खाकर हुंडी में डालता है.
यह विचित्र चमत्कार भारतीयों में कैसे पता नहीं;
कितने मंदिर ,कितने तीर्थ स्थान , कितने साधू संत , नग्न , अर्द्धनग्न ,
आश्रम के सुखी स्वामीजी पता नहीं ,
भारतीय आध्यात्मिकता , त्याग ही त्याग सिखाता ,
आश्चर्य धनी सुखी को देख ,दीं -दुखी को देख,
अल्प मृत्यु को देख , दीर्घ रोगी को देख .
भ्रष्टाचारियों के सुख देख ,ईमानदारियों के कष्ट देख
अपने आप समाधान -शान्ति कर लेता है,
यह तो अपना -अपना भाग्य .
पूर्व जन्म का फल, पूर्वजों के पाप , नाग दोष ,
झूठी गवाह का दोष, तोते को पिंजड़े में बंद रखने का दोष ,
हत्या का दोष , गर्भ पात का दोष, चोरी का दोष ,
पैर ठीक न साफ करने का दोष, पीठ न पोंछने का दोष .
न जाने कितने दोष ?न सब से बड़ा दृष्टी दोष.
ईर्ष्या दोष, न जाने दोषों क दोष.
इष्ट देव की पूजा न करने का दोष;
कुल -देव मंदिर भूलने का दोष ,
पितृ दोष , गुरु -द्रोह दोष , डाक्टर फीस न देने का दोष,
राज -दोष, धोबी की मजदूरी न देने का दोष,
दोस्त के प्रति विश्वास घात का दोष ,
भाषा उच्चारण का दोष , और यदि कोई दोष छूट गए तो
उसका दोष, हाल ही में पापों की सूची बढ़ती जा रही है,
तीर्थ स्थानों में नहाने में भी दोष ,
तीर्थ -नदी -तालाब में मॉल -मूत्र विसर्जन का दोष ,
मंदिर गया जल्द बाजी में अमुक स्तंभ के अमुक भगवान के
दर्शन न करने का दोष,.
दक्षिण में सर रख सोने का दोष,
उत्तर में सर रख सोने का दोष,
अतिथि सेवा में दोष, अधर्म का दोष ,
और इतने दोष बताकर डराने के देश में
ईश्वर का भय कहाँ ?
बलात्कार , भ्रष्टाचार ,कालाबाजार, रिश्वतखोर ,
हत्यायें, न्यायालय का अन्य्याय सब चालू है तो
इतने दोषों की सूची क्यों ?
केवल प्रायश्चित करके दोष निभाने के लिए .
नहीं ,नहीं , पाप कर्म ,पाप विचार से बचने के लिए.
सनातन धर्म का एकाग्र अनुयायी कोई नहीं जहां में.
वास्तविकता यही चालू है.
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Wednesday, July 20, 2016

पुरानी ही लगती।

लिखना आता ही नहीं ,
पर लिखने की इच्छा,
यह इच्छा तीव्र होती तो
कैसे लिखना है ?
कितना लिखना है?
किस विषय पर लिखना है ?
  आध्यात्मिक बातों पर ,
सामाजिक व्यवहार पर,
रीतियों पर या कुरीतियों पर,
सुशासन पर ,कुशासन पर
धर्म पर अधर्म पर ।
कलपना के घोडे दौडाने के पहले,
जो  ताजी खबरे हैं ,
पुरानी खबरे हैं ,
सोचेंगे तो सब बासी ही लगती।
   आविष्कारें नई नई,
हृदय परिवर्तन नया इलाज।
तुरंत पुरानी बातें याद आती।
  गणेश जी का सिर परिवर्तन।
ताजी बातें जो हैं ,वह तो प्राचीनता के आधार पर।
जो है, वही नया या ताजा बनता है।
   अस्त्र - शस्त्रों का वर्णन ,
रामायण - महाभारत में  वर्णनातीत।
चंद्र मंडल की यात्रा वह भी प्राचीन ।
टेस्ट ट्यूब बेबी, भाडे  माँ, शुक्ल दान ।
सब  के आधार हमारी पैराणिक कथाओं में।
ताजी खबरें  विचार करने पर   पुरानी ही लगती।

Monday, July 18, 2016

सेना भारतीय का यशोगान करें

भारतीय सेना का यशोगान करेंगे हम.

जवान जो है हमारे प्रत्यक्ष रक्षक भगवान.

एक पत्थर का जवाब हज़ारों गोलियों से देना,

एक जवान पर चोट सौ करोड़ भारतीयों पर मान.

एक एक जवान अमूल्य, उनका बहुमूल्य जान.

उन आतंकवादियों के समर्थकों को पहले करना है

जड़- मूल नष्ट, एक चिंगारी उनकी ,सोच छोड़ना ,

दावानल का सामना करने के संकेत.

पंद्रह मिनटसमय माँगा ओवेसी, उन का जीभ तुरंत न काटा,

अब वह पनप रहा हैं, 

बाद में पछतानेसे क्यालाभ.

वीर सैनिकों ! तुझको सलाम.


आप को अपनी जान और देश दोनों  को    बचाना है तो

चौकन्ना रहना,फूँक-फूँक कर कदम रखना.

पत्थरों   की  चोट सहना है कायरता,




आतंकियों  को   भून डालने में ही वीरता.


ऐसे डराना उनको, थर-थर काम्पें शत्रु
,
शत्रुओं को   भारतीय  सेना देख  लघु-शंका बहना है,


दिखाओ अपनी बहादुरी, सिंह स्वप्न  हो जाए.

Sunday, July 17, 2016

समझ रहे हैं सार्थक.

सबको प्रणाम.

सार्थक बातें,

निरर्थक करतूतें,

खुशामद की खुशी में,

जीने मिलता तो काफी.

निन्दा स्तुती में निपुण स्तुति

निंदक नियरे राखिये--कबीर वाणी;

अपने में जो हैं उसे जानिये.

अपने को पहचानिए---धार्मुक नसीहत.

आजादी के बाद हम 

सोचते हैं या नहीं पता नहीं,

वादा करते हैं, निभाते नहीं,

सड़कें बनाते है या नहीं पता,

हिसाब तो भर लेते हैं,


भली सड़कें,, बाते कच्ची हो,

वे जीतते और बनाते 

अपना जीवन सार्थक.

निरर्थक बकनेवाले, 

अधिक वोट पाते हैं,

सार्थक बकनेवाले,

 जमानत खोतेहैं.

कहीं का सितारा 

दूर पट पर 

अर्द्ध नग्न दर्शित,

वे खड़े होते हैं 

अपने क्षेत्र का प्रतिनिधि,

न मिल सकते हैं, 

न देख सकते हैं 
,
पर हैं वे हमारे सांसद और वैधानिक.

सार्थक- निरर्थक-बकने वाले,

वादा न निभानेवाले,

बन जाते हैं हमारे प्रतिनिधि.

हम कितने जागरूक  हैं ,

 पता नहीं,

निरर्थक जीवन को

 समझ रहे हैं सार्थक.