आज शुक्रवार है।
देवियों की पूजा।
सोचा देवियों नाम।
अष्टलक्ष्मी में सब सम्मिलित।
अलावा इनके तीन देवियाँ,
सरस्वती,लक्ष्मी , पार्वती।
कितने नाम ,कितनी कीर्ती
फिर भी भय रहित कर रहे हैं बलात्कार।
सद्बुद्धि दें मानव को नहीं तो दिखाओ,
अपनी शक्ति।
दुर्गा कहते हैं, उनमें कितनी दुर्गाएँ ,
कनकदुर्गा, वनदुर्गा,
शीतला देवी,संतोषी माँ, भुवनेश्वरी देवी,
महिषासुर वर्द्धिनी,काली,भद्र काली,
दाक्षायिनी, बृहननायकी, भवानी, रेणुका दैवी,
उमा महेश्वरी, कर्पकवल्ली , मीनाक्षी ,कामाक्षी,
विशालाक्षी, सौडांबिका,चामुंडीश्वरी,
सप्तमाताएँ,सप्तकननिका,
इतनी शक्तियाँ ,इतना बलात्कार,
इतना भ्रष्टाचार । भ्रष्टाचारियों का बचाव।
जरा सोचा इतना भय ,इतनी शक्तियाँ,
फिर भी इतना अन्याय।
न देवियों का भय, न अपमान का भय।
तमाशा देखिए : सबका जन्म ,सबकी मृत्यु सम।
न कुछ ले आया, न किछ ले गया।
Sunday, July 24, 2016
देवियाँ
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