Tuesday, July 26, 2016

मनुष्य गुण

है ?

क्या मन और दिमाग

दोनों एक ही बात सोचता है?

दिमाग कहता है

तो मन दौड़ता है

मन भागता है

मन लहराता है

अस्थिर मन के मूल में

आँखें प्रधान हैं

कान गौण हैं .

आसपास की घटनाएं

नाते रिश्ते दोस्तों की बातें

संगीत ,न जाने जड़ जंतुएँ

पालतू -जंगली जानवर .

छिपकली देखा,

उसकी निर्दय व्यवहार

मकड़ी देखी

इसका बेहरमीबर्ताव,

बाघ हिरन का शिकार

बड़ी छोटी मछली का व्यवहार

बिल्ली चूहा सबंध

ईश्ववर की सृष्टियों में

कोमल --निर्बल जानवर.

कीड़े मकोड़े

निर्मम ,निर्दय असहानुभूति

हमदर्द हीन.

पर मनुष्य

क्या करेगा ?किसको पता?

वह ओ काटेगा, चाटेगा,
दान करेगा, हत्या करेगा,
सहानुभूति दिखाएगा,
ईश्वर की आराधना करेगा.
ईश्वर की निंदा करेगा.
दैविक किताब,
मजहब जाति के नाम पर,
निर्दयी हत्याएं करेगा.
उसकी निश्चित बुद्धि नहीं है.
यही मानव का गुण ,
स्थापित करना ही मुश्किल.
भरोसा ? !!

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