Thursday, July 28, 2016

लौकिकता



श्री गणेश के नाम से ,

काम श्रीगणेश करो ,

निर्विघ्न चलेगा काम.

लौकिकता में डुबो जवानो,

पर दो या चार मिनट सोचो

अलौकिकता की बातें. 

जीवन अपने आप 

अनुशासित हो जाएगा.

जवानी में इश्क क्षेत्र 

केवल चालीस साल तक ,

बाकी जीवन तो और दस साल बढ़सकता है;

पूर्वजों की बात मानो , 

संयम सीखो ;

भारतीय  प्रणाली   आदर्श मय ,

 अच्छीसच्ची ,

भले ही   जिओ

आधुनिक जीवन.

वस्त्रों की कमी ,

जानो खींच  लेती बलात्कार.

सामूहिक मिलन तो ठीक ,

पर खतरों से नहीं खाली.

हर नजर अनुशासित नहीं होती, 

देखो दैनिक खबरें.

बुद्धी दी है ईश्वर ने 

सोचो-विचारों आगे बढ़ो.

चित्रपट के नायक- नायिका न मानो अपने को;

आज कल के नायक भी 

प्रारम्भिक  अवस्था  में है बदमाशी.

सोचो, समझो , जागो आगे बढ़ो.

नर हो, नरोचित मनुष्यता मानो;

जिओ चैन से , बेचैनी की बात समझो.
 

संयम  सीखो , आगे बढ़ो .

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