लिखना आता ही नहीं ,
पर लिखने की इच्छा,
यह इच्छा तीव्र होती तो
कैसे लिखना है ?
कितना लिखना है?
किस विषय पर लिखना है ?
आध्यात्मिक बातों पर ,
सामाजिक व्यवहार पर,
रीतियों पर या कुरीतियों पर,
सुशासन पर ,कुशासन पर
धर्म पर अधर्म पर ।
कलपना के घोडे दौडाने के पहले,
जो ताजी खबरे हैं ,
पुरानी खबरे हैं ,
सोचेंगे तो सब बासी ही लगती।
आविष्कारें नई नई,
हृदय परिवर्तन नया इलाज।
तुरंत पुरानी बातें याद आती।
गणेश जी का सिर परिवर्तन।
ताजी बातें जो हैं ,वह तो प्राचीनता के आधार पर।
जो है, वही नया या ताजा बनता है।
अस्त्र - शस्त्रों का वर्णन ,
रामायण - महाभारत में वर्णनातीत।
चंद्र मंडल की यात्रा वह भी प्राचीन ।
टेस्ट ट्यूब बेबी, भाडे माँ, शुक्ल दान ।
सब के आधार हमारी पैराणिक कथाओं में।
ताजी खबरें विचार करने पर पुरानी ही लगती।
Wednesday, July 20, 2016
पुरानी ही लगती।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment