आश्रम
आज एक खबर ,
रोज एक खबर ,
ठगों की दुनिया में
किसी को ईश्वर पर
पूरा भरोसा नहीं।
तन मन नहीं लगाते
भगवान पर।
बालक ध्रुव ,प्रह्लाद
वालमीकि , तुलसी ,
कालिदास सब के सब
रैदास किसी से मिले नहीं
कबीर दास तो एक कदम आगे,
उनके भगावान की भुजाएँ अनंत।
इतने महान भक्तों का
केवल भगवान पर आत्म समर्पण ।
मीरा , आंडाल जैसे भक्त
इतने आदर्श उदाहरण के बाद भी,
लोग मिथ्या साधु - संतों के पास जाते है्,
एक दंपति एक आश्रम गए,
उनके बच्चे नहीं, साधु मिथ्या -ठग।
कहा - मेरे सामने संभोग कर ,
तभी होगा बच्चा।
फिर खुद बलात्कार में लग गया।
तभी ढोंगी का पता चला।
भगवान से सीधे करो विनती।
सद्यः फल की आशा ,
मनुष्य को बना रहा है,
अंधा।!
सोचो, सीधे करो , ईश्वर से कामना।
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