सांसारिक लीला अदभुत।
जग लीला चमत्कार।
ईश्वर की लीला विचित्र।
न जाना कोई मर्मज्ञ ,
चल रहा हैं जो कुछ
न जाना मर्म कोई सर्वज्ञ।
जातियों की बातें करते हैं ,
न जानते कोई क्या है आदी -जाति।
कई बातें अस्पष्ट , न कोई बातें स्पष्ट।
अधिक पूछो तो यही उत्तर ,
नदी मूल -ऋषि मूल जानना मुश्किल.
भाषाएँ इतनी कहाँ से आयी पता नहीं.
जहाँ भी रहें ,घर की बोली बिना सिखाये आ जाती।
जहाँ भी रहें ,वहाँ की गली की बोली आ जाती.
हर देश के जलवायु अलग.
हर देश के पैदावार अलग.
मौसमी फल अलग।
विचार अलग अलग.
वेश-भूषा अलग अलग
ईश्वर के नाम अलग -अलग.
ईश्वर के रूप अलग अलग.
मनुष्य के रूप -रंग में भी अलग -अलग.
चकित करने की बात है मनुष्यता.
वही शान्ति -सत्य -परोपकार ,सहानुभूति।
जग लीला चमत्कार।
ईश्वर की लीला विचित्र।
न जाना कोई मर्मज्ञ ,
चल रहा हैं जो कुछ
न जाना मर्म कोई सर्वज्ञ।
जातियों की बातें करते हैं ,
न जानते कोई क्या है आदी -जाति।
कई बातें अस्पष्ट , न कोई बातें स्पष्ट।
अधिक पूछो तो यही उत्तर ,
नदी मूल -ऋषि मूल जानना मुश्किल.
भाषाएँ इतनी कहाँ से आयी पता नहीं.
जहाँ भी रहें ,घर की बोली बिना सिखाये आ जाती।
जहाँ भी रहें ,वहाँ की गली की बोली आ जाती.
हर देश के जलवायु अलग.
हर देश के पैदावार अलग.
मौसमी फल अलग।
विचार अलग अलग.
वेश-भूषा अलग अलग
ईश्वर के नाम अलग -अलग.
ईश्वर के रूप अलग अलग.
मनुष्य के रूप -रंग में भी अलग -अलग.
चकित करने की बात है मनुष्यता.
वही शान्ति -सत्य -परोपकार ,सहानुभूति।
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