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Wednesday, July 3, 2019

पत्थर मिट्टी

 पत्थर-मिट्टी
  पाँचवीं कक्षा के एक छात्र  ने लिखा:-
सरकार  को उतना ज्ञान  नहीं  है,
अधिकारियों को उतनी  बुद्धि  नहीं  है,

जितनी बुद्धि  एक कौए को हैं।
  कौए ने कंकट  चुनकर घडे में  डाला तो
 पानी  ऊपर आया।
रेत की चोरी  होती  है, पहाड़ गायब हो जाते हैं।
भूमि के अंदर  के पत्थर भी गायब हो जाते हैं।
पानी भी अंदर ही अंदर चला गया।
पानी  की कमी आ गई।
  तमिल  मुख पुस्तिका से आयी कहानी का हिंदी अनुवाद  है।

  

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