अनंत शक्तिमान
अज्ञात शक्ति ,
आदी नाथ ने
ज्ञान चक्षु देकर
अमृत विष समान
काम,क्रोध, मद ,लोभ
विषैले गुणों को
मन में बेचैनी ही बैचैनी के लिए
जाँच करने रखा है।
तुलसी ,कबीर जैसे
संतों द्वारा भी चेतावनी दी है।
ये गुण बुद्धिमानों को भी
बुद्धु बनाने के लिए।
फिर भी मानव न सुधरा।
स्वार्थ वश जग को
विचार प्रदूषित कर दिया है।
सभी प्रदूषणों में विचार प्रदूषण
मानव को शांति से जीने नहीं देगा।
अज्ञात शक्ति ,
आदी नाथ ने
ज्ञान चक्षु देकर
अमृत विष समान
काम,क्रोध, मद ,लोभ
विषैले गुणों को
मन में बेचैनी ही बैचैनी के लिए
जाँच करने रखा है।
तुलसी ,कबीर जैसे
संतों द्वारा भी चेतावनी दी है।
ये गुण बुद्धिमानों को भी
बुद्धु बनाने के लिए।
फिर भी मानव न सुधरा।
स्वार्थ वश जग को
विचार प्रदूषित कर दिया है।
सभी प्रदूषणों में विचार प्रदूषण
मानव को शांति से जीने नहीं देगा।
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