पुरनानूरु 192 तमिल प्राचीन ग्रंथ।
तमिल संस्कृति जीवन का प्रतीक है।
अनुवाद अनंतकृष्णन
सुनिए
हर गाँव, हर शहर हमारे हैं, सब हमारे रिश्ते भाईबंधु हैं।
जो भलाई और बुराई होती है,दूसरों से नहीं, वे हमारे कर्म फल हैं।
दुख और सांत्वना भी दूसरे नहीँ देते।
मृत्यु ताजी नहीं है,जीना सुख नहीं।
जीवन दुखमय होने पर भी नफरत नहीं करते
बाढ भरी नदी पर बहने वाले नाव जैसे हैं, हमारी जिंदगी। प्रकृति जैसे चलेगी। यह ज्ञान पाकर हम स्पष्ट हो गए।
बडों की स्तुति भीनहीं करते और छोटों को निंदा भी नहीं करतै।
”
तमिल संस्कृति जीवन का प्रतीक है।
अनुवाद अनंतकृष्णन
सुनिए
हर गाँव, हर शहर हमारे हैं, सब हमारे रिश्ते भाईबंधु हैं।
जो भलाई और बुराई होती है,दूसरों से नहीं, वे हमारे कर्म फल हैं।
दुख और सांत्वना भी दूसरे नहीँ देते।
मृत्यु ताजी नहीं है,जीना सुख नहीं।
जीवन दुखमय होने पर भी नफरत नहीं करते
बाढ भरी नदी पर बहने वाले नाव जैसे हैं, हमारी जिंदगी। प्रकृति जैसे चलेगी। यह ज्ञान पाकर हम स्पष्ट हो गए।
बडों की स्तुति भीनहीं करते और छोटों को निंदा भी नहीं करतै।
”
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