प्रणाम दोस्तों।
स्वर्ण, सोना,कांचन,
सुख प्रद या दुख प्रद,
जमा करने में मजा।
पहनकर चलने फिरने में
कदम कदम पर
आनंद या आतंक ।
भगवान के गले में
पूर्वजों का असली,
अब असली या नकली,
मंदिर के तहखाने में
करोड़ों किलो सोना
कितना गायब।
पता नहीं।
मंत्री ने 100 किलो
सोने का मुकुट दिया।
उसमें श्वेत कितना,
काला कितना ,
सूंडी में मिले करोडों में
रिश्वत के कितने,न्याय के कितने,लूट के कितने।
स्वर्ण, कांचन, सोना
कितने दुःख प्रदान,
सुख प्रद,न्याय अन्याय
पता नहीं, चाहें बढती, बढाती,घटाती नहीं।
स्वरचित स्वचिंतक एस। अनंत कृष्णन
स्वर्ण, सोना,कांचन,
सुख प्रद या दुख प्रद,
जमा करने में मजा।
पहनकर चलने फिरने में
कदम कदम पर
आनंद या आतंक ।
भगवान के गले में
पूर्वजों का असली,
अब असली या नकली,
मंदिर के तहखाने में
करोड़ों किलो सोना
कितना गायब।
पता नहीं।
मंत्री ने 100 किलो
सोने का मुकुट दिया।
उसमें श्वेत कितना,
काला कितना ,
सूंडी में मिले करोडों में
रिश्वत के कितने,न्याय के कितने,लूट के कितने।
स्वर्ण, कांचन, सोना
कितने दुःख प्रदान,
सुख प्रद,न्याय अन्याय
पता नहीं, चाहें बढती, बढाती,घटाती नहीं।
स्वरचित स्वचिंतक एस। अनंत कृष्णन
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