Search This Blog

Wednesday, June 19, 2019

चाँदनी रात में।

चाँदनी रात है,
प्रेयसी  साथ  है।
वह तो मेरे नहीं,
मेरे दोस्त  की।
मैं  तो प्रेयसी की
 खोज  में।
चाँदनी  फीकी पडी।
  अब चाँदनी  रात  में,
ज्योतिष  की सलाह मान,
गिरी प्रदक्षा करने निकला।
मार्ग  पर दोस्त  मिला।
न प्रेयसी साथ थी।
   कल्पना  आगे न बढी।
 थोडी दूर पर दोस्त  की प्रेयसी,साथ एक पुरुष,
उसके माता-पिता।
 चाँदनी  रात मेें  भी अंधेरी   नज़र पडी।

No comments:

Post a Comment