Wednesday, June 26, 2019

तेरे लिए

प्रणाम।  साथियों!संचालकों! सदस्यों!सज्जनों।
प्रणाम।
शीर्षक =तेरे लिए
प्रेमी/प्रेमिका,
यह प्रेम  पत्र  तेरे लिए।
तेरे मन में  स्थान
पाने के लिए ।
तुझे मेरे मन में
 बसाने के लिए।
 कबीरानुसार   तू मेरे  लाल।
अतः मैं  भी हो गई  लाल।
परमात्मा  मिलन में
परमानंद।
ब्रह्मानंद  भोगने
प्रार्थना  तेरे लिए।
मैं  लौकिक  प्रेम  केलिए नहीं  पत्र लिखता।
मैं  अलौकिकता केलिए
प्रार्थना।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं।

No comments:

Post a Comment