Tuesday, June 18, 2019

सूखापन

सब को नमस्कार।
 चित्र लेख: सूखी  भूमि।
सुखी स्मृद्ध

 हरी भरी भूमि आज सूखी शून्य ।
कारण  वजह  रीसन।
भाषा बदली।
व्रत भजन त्याग  की तपोभूमि  आज औद्योगीकरण  के नाम लेकर,
विदेशी  पूँजी, विदेशी  पेय,विदेशी आचार
इतना विदेशी मोह,
खाना सीरियल,टमाटर  केच्चप।
दस उंगलियों  के संगणक काम।
दो उंगलियों  से चम्मच खाना, गणित  का हल ,
सुबह  उठकर हल लेकर  न जोता,
झील बना कारखाना,
खेत बने बस्ती।
नतीजा  आज चित्र  लेखन   सूखी भूमि।
दोष  किसका?
आधुनिक  सुविधा  चाहनेवालों जनता का?
चुनाव  खर्च  के लिए  पैसे चाहनेवाले  राजनैतिक-सामाजिक दल,
रिश्वत  के बल जीने वाले  अधिकारी  गण।
 शासकों   के पक्षवादी।
दलों  के समर्थक।
विपक्षी  दल।

स्वार्थ  लोग।

जो भी हो नतीजा
अकाल। पानी  की कमी।
सूखापन। चिंतन के लिए
यह नादानी या खानदानी या ईश्वरीय देन।
पता नहीं।  जागना है।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।

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