संगम में संगठित होकर कई
दिन हो गये।
दिल की बात
दिल में
रहना भी एक तनाव ।
एक रोग, एक चिंता।
विचित्र मनोभाव,
शांति के विरुद्ध मन।
एक भरोसा राम बल।
स्वाति चातक बातें।
मानव चंचल मन।
विश्वास दृढ हो तो
विश्वनाथ ,जगन्नाथ की
कृपा अनुकूल।
दिन हो गये।
दिल की बात
दिल में
रहना भी एक तनाव ।
एक रोग, एक चिंता।
विचित्र मनोभाव,
शांति के विरुद्ध मन।
एक भरोसा राम बल।
स्वाति चातक बातें।
मानव चंचल मन।
विश्वास दृढ हो तो
विश्वनाथ ,जगन्नाथ की
कृपा अनुकूल।
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