Tuesday, June 14, 2016

नेत्रदान करो।

नेत्र दान कीजिये . क्यों ?

आँखें बोलती हैं अनेक बातें,

आँखे दिखाने पर क्रोध है तो

आँखें मारने पर प्रेम.

आँखें रोने पर दुःख ,शोक , करुणा .

आँखों से पता चलता है ,

आदमी की अमीरी, गरीबी , आनंद-उल्लास.

आँखें बोलती हैं करुण कथा.

आँखें देखते ही पता चलता मनुष्य की दशा.

नेत्र विहीनों को सोचो,

न जान सकता फूलों के रंग.

न जान सकता फूलों के आकार शोभा.

देखते ही पता न लगता आदमी किस मजहब का,

किस देश का , किस सम्रदाय का.

टेढ़े मेढ़े रास्ते पर चलना है मुश्किल.

सोचो विचारों उसकी दयनीय दशा.

तुरत दर्ज करो नेत्रदान के लिए.

आँखें तब तक , जब आँखें सदा के लिए बंद न हो.

सोचो- विचारों नेत्र दान करो.

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