Wednesday, June 15, 2016

विष्णु दशावतार

விஷ்ணு ---௧௫.௬.௧௬ --15.6.16
17 mins
विश्व वन्द्य विष्णु, तू जगन्नाथ हो.
तेरे अवतार ,प्रथम मछली में तड़प.
राक्षस से छिपी वेदों को समुद्र से निकाल.
कूर्म में भी सागर मंथन में सहायक.
दिखा दिया जल मय संसार.
मोहिनी अवतार,शिव की रक्षा.
सम लिन्ग शादी,प्रथम सूचना.
स्वामी अय्यप्पन का जन्म.
ऐयप्पन शिवपुत्र होतो कार्तिक की
सोतेली माँ बनी मामा-चाची.
वराहावतार में भूमि की खोद.
हिरण्याक्ष वध. समुद्र केअधीन
भूमि कापाताल कीसूचना.
नरसिम्हावातर में प्रहलादकीरक्षा,
अत्याचार का वध सिंह जैसे खूंख्न्वार से
वामनावतार हुआ देव औरदेवेन्द्र कीरक्षा
धोखे से माहाबलीका पातालभेजना.
छद्म वेश षडयंत्र का कदम.
परशुराम बन असुर क्षत्रियराजाओं का वध,
रामावतार में दिखाया बलात्कारी का वध
मानव से नहीं होगा ईश्वरीय शक्ति से .
उन्हीं के भाई के द्रोह से.दिखाया
मर्यादापुरुषोत्तम का महत्ता.
कृष्ण अवतार लोकरक्षक-लोक-रंचक.
लोकप्रिय अवतार खासकर तरंगित हैं ,
लडकियाँ, अपने नए वर से मिलने आने पर
यही गाती, मन में लहरें उठती--"कन्हैया .
होनेवाला कल्कि अवतार युगांत में.
हे दशावतार! करो जगत की रक्षा!
हम हैं विष्णु प्रिय!! करो हिंदी प्रेमी समुदाय की.
देना प्राथमिकता! इतना स्वार्थ हम नहीं,
करना जगत भलाई.

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