Search This Blog

Friday, June 3, 2016

हमारी बातें ही निराली है,

हमारी बातें ही निराली है,

इश्क करो,न तो जीने न दूंगा.

एक दिन ठहरो न तोतेरे प्रेमी जिन्दा न रहेगा.

अपराधियों से साक्षात्कार ,

अपराधियों से साक्षात्कार करने अनुमति,

साक्षात्कार देने लाखों रूपये शुल्क

अपराधी कहते हैं--वह मानती तोहमें भीसुख,

उसको भी , जाननहीं लेते हम.

उनके भी समर्थन में आसाराम,

भाई,कही तोछोड देते.

उनकीबुद्धी, उनकेसमर्थन में भक्त,

परमानंद फँस गया,नित्यानंद छूट गया.

अब भी प्रेमानंद केभक्त,

आसाराम केभक्त

,
भ्रष्टाचारी नेताओं के सेवक,

आय सेअधिक संपत्तिअपराध नहीं,

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बयान,

जातियों के भेद तो मिट गयी 

फिर भी ईश्वरके दर्शन में हज़ार रूपये के टिकट 

ईश्वर केपास, तीनसौरूपये ज़रा निकट,बीस रूपयेअतिदूर,

गरीब जनता अधिकतम दूर.

समयदर्शन अमीरोंको अधिक,

गरीबों कोएक पल,एकक्षण.

हमारी बातेंही है निराली.

No comments:

Post a Comment