आज मैं चेन्नै से पुदुच्चेरी जा रहा था.
मेरे पास बीस वर्ष का जवान बेटा
उदासी बैठा था.
उससे पूछा तो कहा..
लव फेइलियर.
मेंने उस से पूछा-.
असफलता तेरी भाषा पर है.
मातृ भाषा में बोलते तो प्रेम में कामयाबी होगी.
वह अंग्रेजी तो तलाक की भाषा है.
कछुआ जैसे पंचेंद्रियों को काबू में रखना है.
वल्लुवर कोे पढना है,
यू टू ब्रूटस को नहीं.
जितेंद्र बनना है.
कुत्ते ही कुतिये के पीछे जाएँगे.
लडकी के पीछे जाने वाला नायक नहीं बनता.
खलनायक भी. वह तो जोकर भी न बन सकता.
वह पशु है, मनुष्य नहीं.
जवानी में एक लडकी केलिए मरना,
आत्म हत्या की बात सोचना पौरुष की बात नहीं है.
कायरता की चरम सीमा है.
क्या मेरी बात मानोगे?
उसने कहा. मानूँगा. मैं मनुष्य हूँ.
हीरो बनने लडकी के लिए आत्म हत्या नहीं करूँगा.
मैं कुत्ता नहीं, मनुष्य हूँ.
यह सुना तो बहुत खुश हुआ.
आमै पोल ऐंदटक्कल आट्र्स एळुमैयुम एमाप्पुडैत्तु.
कछुए के समान पंचेंद्रियों को काबू में रखें तो
सातों जन्मों में श्रेष्ठ पुरुषों सा रहोगे.
न जाने वह जिन्दा है या नहीं . उसका स्मरण तो मुझे हैं .
मेरे पास बीस वर्ष का जवान बेटा
उदासी बैठा था.
उससे पूछा तो कहा..
लव फेइलियर.
मेंने उस से पूछा-.
असफलता तेरी भाषा पर है.
मातृ भाषा में बोलते तो प्रेम में कामयाबी होगी.
वह अंग्रेजी तो तलाक की भाषा है.
कछुआ जैसे पंचेंद्रियों को काबू में रखना है.
वल्लुवर कोे पढना है,
यू टू ब्रूटस को नहीं.
जितेंद्र बनना है.
कुत्ते ही कुतिये के पीछे जाएँगे.
लडकी के पीछे जाने वाला नायक नहीं बनता.
खलनायक भी. वह तो जोकर भी न बन सकता.
वह पशु है, मनुष्य नहीं.
जवानी में एक लडकी केलिए मरना,
आत्म हत्या की बात सोचना पौरुष की बात नहीं है.
कायरता की चरम सीमा है.
क्या मेरी बात मानोगे?
उसने कहा. मानूँगा. मैं मनुष्य हूँ.
हीरो बनने लडकी के लिए आत्म हत्या नहीं करूँगा.
मैं कुत्ता नहीं, मनुष्य हूँ.
यह सुना तो बहुत खुश हुआ.
आमै पोल ऐंदटक्कल आट्र्स एळुमैयुम एमाप्पुडैत्तु.
कछुए के समान पंचेंद्रियों को काबू में रखें तो
सातों जन्मों में श्रेष्ठ पुरुषों सा रहोगे.
न जाने वह जिन्दा है या नहीं . उसका स्मरण तो मुझे हैं .
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