पकोड़ा बनाना रोजगार , सही या गलत ,
चुप रहने से कुछ करना बेहतर.
अचार बनाना ,मसाला चूर्ण बनाना
कितने लोग रईश बने हैं ?
क्रिकट खेलना अब फेशन बन गया.
क्रिकट मैं कोच से सिखा,पर क्रिकट में नौकरी नहीं ,
यह खेल केवल मनोरंजन के लिए.
इन्जनीयर कालेज में केम्पस इंटरव्यू में ही नौकरी पानेवले ,
कोइल पिच्चाई जैसे बड़े पद पर रहनेवाले,
केवल मासिक दो हज़ार पाकर काम करनेवाले बी.ई.,
परंपरागत संपत्ति और दहेज़ की संपत्ति से
सानंद रहनेवाले, कितने भाग्यवान.
जो भी सरकार हो इन्जनीयर स्नातक जितने हैं
सब को कोई भी सरकार हो ,नौकरी देना असंभव.
कितने माँ -बाप अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं,
कितने बच्चे भीख मांगते जी रहे हैं ,
पकौड़ा बेचना कोई अपमानित काम नहीं,
उदहारण बता दिया, कोई न कोई व्यापार करना.
खेती कर सकते हैं , स्नातक कीचड में उतरना अपमान नहीं,
कितने स्नातक ऑटो चला रहें है,
भाजापा के शासन और कांग्रस के शासन
दोनों के शासन काल में स्व व्यवसाय ,भारतीय कुछ बनाओ
आत्म निर्भरता ,आत्म विशवास, किसकी सरकार दे रही है
सोचिये पता चलेगा पकोड़ा बेचना , आत्म निर्भर धंधा करना.
चुप रहने से कुछ करना बेहतर.
अचार बनाना ,मसाला चूर्ण बनाना
कितने लोग रईश बने हैं ?
क्रिकट खेलना अब फेशन बन गया.
क्रिकट मैं कोच से सिखा,पर क्रिकट में नौकरी नहीं ,
यह खेल केवल मनोरंजन के लिए.
इन्जनीयर कालेज में केम्पस इंटरव्यू में ही नौकरी पानेवले ,
कोइल पिच्चाई जैसे बड़े पद पर रहनेवाले,
केवल मासिक दो हज़ार पाकर काम करनेवाले बी.ई.,
परंपरागत संपत्ति और दहेज़ की संपत्ति से
सानंद रहनेवाले, कितने भाग्यवान.
जो भी सरकार हो इन्जनीयर स्नातक जितने हैं
सब को कोई भी सरकार हो ,नौकरी देना असंभव.
कितने माँ -बाप अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं,
कितने बच्चे भीख मांगते जी रहे हैं ,
पकौड़ा बेचना कोई अपमानित काम नहीं,
उदहारण बता दिया, कोई न कोई व्यापार करना.
खेती कर सकते हैं , स्नातक कीचड में उतरना अपमान नहीं,
कितने स्नातक ऑटो चला रहें है,
भाजापा के शासन और कांग्रस के शासन
दोनों के शासन काल में स्व व्यवसाय ,भारतीय कुछ बनाओ
आत्म निर्भरता ,आत्म विशवास, किसकी सरकार दे रही है
सोचिये पता चलेगा पकोड़ा बेचना , आत्म निर्भर धंधा करना.
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