Thursday, May 24, 2018

हम ने देकर लिये है,

लेकर देकर जीते  हैं हम.
लेकर देकर पाते हैं हम
अधिकार.
अधिकार पाकर हम,
दिये धन से सौ गुणा लाभ
अपने  देकर मिले पद,
शासन करते हैं हम,
अपने मुनाफा के लिए
धन्यवाद  समर्पण  हो गया,
आगे पाँच साल कमा ही लेंगे सौ  गुणा.
भुलक्कड़   जनता के सामने
वही वचन  देंगे,
वही वजन रखेंगे.
सरलतम तरीका हमारा
जीतेंगे,धन्यवाद समर्पण  करेंगे.
हमारे स्वयं अपने लिए जीते हैं.
भोला भाला जनता धन्य है.
न जाने  हमारे रहते,
कैसे   होती है देश की तरक्की.
इसी अचंभा मेंं और भी हैं
लूटने हैं  मन मना.

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