मीनू,मीनू --नानी ने नाम लेकर चिल्लाया.
मीनू बाहर खेल रही थी . उसकी उम्र ८- १० साल की होगी .
नानी ने कहा --आओ ,जल्दी बाहर के शहर जाना है.
मीनू ने देखा,भोले -भाले चेहरे .नानी कहा , कल तेरी शादी है.
माँ-बाप ,उसके दो बड़े भाई,एक छोटा भाई ,नानी सब बैल-गाडी में
निकले. नानी पास के शहर गयी थी ;
वहां मंदिर में अपने रिश्तेदार को देखा.
रिश्तेदार ने कहा कि कल मेरी बेटी की शादी थी.
क्या तेरे जान-पहचान में कोई लडकी है?
नानी को अपनी पोती की याद आयी. तुरंत शादी पक्की हो गयी.
नानी ने कहा --वर अमीर घर का है.
वर सिनेमा हीरो की तरह रहेगा.
गाडी सीधे विवाह मंडप में रुकी.
नादान लडकी से सब ने प्यार की वर्षा की. उसको नयी सादी पहनाई.
गहनों से अलंकार किया. न वर ने वधु को देखा ,न वधु ने वर को.
मीनू की माँ ने उससे कहा-- मीनू,वर पास बैठो. मीनू सीधे नंदोई के पास बैठी.
ननदोई ने तो उसकी गोरी ननद को पहले ही देखा है. अपने पास दूसरी नयी लडकी को देख उठ गया. ऐसे अचानक शादी बिना वर देखे हुयी. अब साठ साल गए.
मीनू को सारी यादें आ रही थी.
तभी किसीने पुकार की घंटी बजायी.
जाकर दरवाजा खोला. तो उसकी पोती एक लड़के के साथ आयी. दोनों के गले में फूल माला थी. दोनों रिजिस्टर मेरेज करके आये हैं.
न नमस्कार ,न सूचना. सीधे दोनो कमरे में चले गए.
पोती ने दादी माँ मीनू से कुछ न कहा.
मीनू ने अपनी बेटी को बुलाया- रोटी हुयी कहा -- पोती बिना बताये शादी करके आयी है.
बेटे पर इसका कोई असर न पड़ा. क्या करूँ माँ ,
मुझे मालूम है. वह तो जिद्दी लडकी है. स्नातकोत्तर है.
महीने एक लाख ऐ.टी. कंपनी में कमाती है..
अब लाखों रुपयों की शादी का खर्च कम.
मुफ्त में विश्वस्त ड्राइवर.
उसको विश्वसनीय ड्राइवर चाहिए. उसने आठवीं पढी, आटो ड्राइवर से प्रेम किया. ड्राइविंग लैसंस भी दिलवाई.
अब कल से अपने पति ड्राइवर के साथ दफ्तर जायेगी और घर आएगी.
आमदनी की कमी नहीं है.
ज़माना बदल गया. सब स्नातक- स्नातकोत्तर.
भारतीय संस्कृति में इतना बड़ा परिवर्तन.
मीनू को न सूझा, पछताना है या आनंद मनाना है.
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