प्रातःकालीन प्रणाम.
கா லை வணக்கம்.
प्रेम भरी दुनिया में,
खुशामदयों और चम्मचों को
जितना सम्मान
उतना कटु सत्य बोेलनेेवालों को नहीं.
शासक, अधिकारी तटस्थ नहीं,
केवल चाहते अपनी अमीरी.
अपने ही आमदनी.
शाश्वत सत्य भूल जाता,
अमीरी गरीबी का दहन या गाढन
एक ही श्मशान में या एक ही कब्र में ही.
கா லை வணக்கம்.
प्रेम भरी दुनिया में,
खुशामदयों और चम्मचों को
जितना सम्मान
उतना कटु सत्य बोेलनेेवालों को नहीं.
शासक, अधिकारी तटस्थ नहीं,
केवल चाहते अपनी अमीरी.
अपने ही आमदनी.
शाश्वत सत्य भूल जाता,
अमीरी गरीबी का दहन या गाढन
एक ही श्मशान में या एक ही कब्र में ही.
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