Friday, May 11, 2018

तरंगें

तरंगें
विचारों की तरंगें,
समुद्र की तरंगों से बडी.
बीच समुद्र तो शांत है,
पर मन तो कभी शांत नहीं.
मन शांत का मतलब है,
ब्रह्मतेज, ब्रह्मतेज पाना.
ब्रह्मतेज पाना है तो
ध्यान मग्न होना.
ब्रह्मत्व पाना है तो
शरीर से प्राण तजकर जाना.
निश्चल मन योग साधना की,
सर्वोच्च  शिखर.
निश्चल मन में
न मोह, न बंधन.
तरंगों का रुकना
हवा रहित स्थिति.
विचार तरंगों ते बिना
न वेद, न कुरान,  न बाइबिल
तब मन की तरंगों   को रोकना कैसा?
न रामायण, न महाभारत, न शेक्सपियर के नाटक.

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