Tuesday, December 10, 2019

प्रयत्न/कोशिश/चेष्टा।

नमस्कार। वणक्कम।
संचालक सदस्य नमस्कार। वणक्कम।
संचालक सदस्य संयोजक चाहक
रसिक पाठक सबको नमस्कार।
कलम की यात्रा  का 11-12-19
का शीर्षक--- "कोशिश "

कोशिश  /प्रयत्न/चेष्टा।
कोशिश  करो ।
पता चलेगा  भाग्य बडा है या प्रयत्न।
बडे भाई साहब कहानी,
सदा हाथ में  ग्रंथ।
परीक्षा  में असफल।
बडे भाई साहब की हालत।
छोटा भाई सदा खेलता-कूदता।
वर्ग में अव्वल
 बडे भाई  का सहपाठी बना।।
तिलक नयी पीढी
 भूल गई होगी,
बाल गंगाधर तिलक।
लाल बाल पाल  तीनों
स्वतंत्रता संग्राम  के सेनानी।
याद  दिलाता हूँ,
तभी युवा पीढी
देश  की परतंत्रता
की यातनाएँ याद कलेगी।
याद  होगी।
यह भी एक कोशिश।
युवा  पीढी  के चरित्र गठन में।
लाल लाला लजपतिराय।
बाल गंगाधर तिलक
पाल विपिनचंद्रपाल।
तिलक वर्ग  में कुछ नहीं लिखते।
एक बार अध्यापक ने पूछा-
बिना लिखे चुपचाप बैठे हो?
तुरंत  तिलक ने कहा-लिख लिया।
कहाँ  लिखा।
तिलक ने सिर पर हाथ रख
कहाँ-यहाँ।
अध्यापक आप से बाहर आ गये।
तिलक ने  अध्यापक  ने जो कुछ
लिखाया अक्षरशः बता दिया।
 आवाक रह गये गुरु वर।
 पढने की कोशिश में
भगवान का अनुग्रह चाहिए।
औसत बुद्धिवाले
 मोहनदास करमचंद गाँधी  को
 छात्रवृत्ति मिली।
सौराष्ट्र प्रांत के आरक्षित छात्रवृत्ति।
एक ही छात्र थे गाँधी जी।
ईश्वर का महत्व
अप्रयत्न  छात्रवृत्ति।
विमान चालक राजीव,
अचानक  प्रधान मंत्री।
उनके बडे भाई  का
अकाल मृत्यु।
मानव कोशिश करता रहताहै।
सफलता  की चोटी पर
पहुँचाने वाले  सर्वेश्वर।
सुबुद्धि  कुबुद्धि देनेवाले ईश्वर।
 तमिलनाडु  के प्रसिद्ध मुख्यमंत्री
एम-जी-आर मर गये,
उनकी पत्नी जानकी,
राजनीति  ही न जानती।
घर से बाहर  कभी नहीं  निकली।
राजनीति  भाषण मंच पर न चढी।
पर मुख्य मंत्री की कुर्सी पर बैठी।
लुटेरा वाल्मीकि आदी कवि बना।
पत्नी  के साथ सदा चिपककर रहनेवाले
तुलसीदास हिंदी साहित्य
गगन के चांद बने।
 इन सब को याद दिलाने की कोशिश में
भक्ति धारा संयम सिखाने
ईश्वर ने लिखने की प्रेरणा दी।
कोशिश करना मानव धर्म।
कोशिश  करना  एक राजा ने
मकडी के जाल बुनने से सीखा।
हार कर निराश  बैठे राजा को
आशा बंदी।
कोशिश और सफलता में
ईश्वरानुग्रह  चाहिए।
भक्ति भाव जगाने  की कोशिश में
आज कोशिश की कविता।
भक्ति  चंचलता मिटाती।
भक्ति एकाग्रता देती।
शांत संतोष चित्त
सत्य-अहिंसा-दान-धर्म ,
ईमानदारी  पुण्य के विचार  देता।
 पराजय में  विजय की आशा।
चिकित्सक ऊपर हाथ दिखाकर
अपना हाथ  छोड़  देता।
तब भक्ति ही आशा का मूल।
बचाने की कोशिश में  ध्यान।
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।शिश "

कोशिश  /प्रयत्न/चेष्टा।
कोशिश  करो ।
पता चलेगा  भाग्य बडा है या प्रयत्न।
बडे भाई साहब कहानी,
सदा हाथ में  ग्रंथ।
परीक्षा  में असफल।
बडे भाई साहब की हालत।
छोटा भाई सदा खेलता-कूदता।
वर्ग में अव्वल
 बडे भाई  का सहपाठी बना।।
तिलक नयी पीढी
 भूल गई होगी,
बाल गंगाधर तिलक।
लाल बाल पाल  तीनों
स्वतंत्रता संग्राम  के सेनानी।
याद  दिलाता हूँ,
तभी युवा पीढी
देश  की परतंत्रता
की यातनाएँ याद कलेगी।
याद  होगी।
यह भी एक कोशिश।
युवा  पीढी  के चरित्र गठन में।
लाल लाला लजपतिराय।
बाल गंगाधर तिलक
पाल विपिनचंद्रपाल।
तिलक वर्ग  में कुछ नहीं लिखते।
एक बार अध्यापक ने पूछा-
बिना लिखे चुपचाप बैठे हो?
तुरंत  तिलक ने कहा-लिख लिया।
कहाँ  लिखा।
तिलक ने सिर पर हाथ रख
कहाँ-यहाँ।
अध्यापक आप से बाहर आ गये।
तिलक ने  अध्यापक  ने जो कुछ
लिखाया अक्षरशः बता दिया।
 आवाक रह गये गुरु वर।
 पढने की कोशिश में
भगवान का अनुग्रह चाहिए।
औसत बुद्धिवाले
 मोहनदास करमचंद गाँधी  को
 छात्रवृत्ति मिली।
सौराष्ट्र प्रांत के आरक्षित छात्रवृत्ति।
एक ही छात्र थे गाँधी जी।
ईश्वर का महत्व
अप्रयत्न  छात्रवृत्ति।
विमान चालक राजीव,
अचानक  प्रधान मंत्री।
उनके बडे भाई  का
अकाल मृत्यु।
मानव कोशिश करता रहताहै।
सफलता  की चोटी पर
पहुँचाने वाले  सर्वेश्वर।
सुबुद्धि  कुबुद्धि देनेवाले ईश्वर।
 तमिलनाडु  के प्रसिद्ध मुख्यमंत्री
एम-जी-आर मर गये,
उनकी पत्नी जानकी,
राजनीति  ही न जानती।
घर से बाहर  कभी नहीं  निकली।
राजनीति  भाषण मंच पर न चढी।
पर मुख्य मंत्री की कुर्सी पर बैठी।
लुटेरा वाल्मीकि आदी कवि बना।
पत्नी  के साथ सदा चिपककर रहनेवाले
तुलसीदास हिंदी साहित्य
गगन के चांद बने।
 इन सब को याद दिलाने की कोशिश में
भक्ति धारा संयम सिखाने
ईश्वर ने लिखने की प्रेरणा दी।
कोशिश करना मानव धर्म।
कोशिश  करना  एक राजा ने
मकडी के जाल बुनने से सीखा।
हार कर निराश  बैठे राजा को
आशा बंदी।
कोशिश और सफलता में
ईश्वरानुग्रह  चाहिए।
भक्ति भाव जगाने  की कोशिश में
आज कोशिश की कविता।
भक्ति  चंचलता मिटाती।
भक्ति एकाग्रता देती।
शांत संतोष चित्त
सत्य-अहिंसा-दान-धर्म ,
ईमानदारी  पुण्य के विचार  देता।
 पराजय में  विजय की आशा।
चिकित्सक ऊपर हाथ दिखाकर
अपना हाथ  छोड़  देता।
तब भक्ति ही आशा का मूल।
बचाने की कोशिश में  ध्यान।
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।

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