Sunday, December 8, 2019

निशाचर

नमस्कार  परिवार दल के मित्रों।
नमस्कार।
शीर्षक  रात -रजनी।
निम्न  पर्यायवाची  शब्द।

रजनी  रात | निशा | निशि | तमा | रात्रि | अमाँ | अमावस्या | कादंबरी | क्षपा | क्षणदा | तमस्विनी | तमिस्रा | त्रियामा | दोषा | निशीथ | निशीथिनी | यामिनी | राका | रैन | विभावरी | शर्वरी |
  2,30 बजे सबेरे सोमवार।
  नींद टूटी। वणक्कम।
शीर्षक  देखा-- रात रजनी।
समानार्थी दो शब्द।
रात सोने का समय।
तमा अंधकार।
नवदंपतियों को नींद कहाँ ?!
वंश वृद्धि  का ईश्वरीय देन।
कामेच्छा। कामाक्षी।
कामेश्वर।कामेश्वरी।
रात आधी रात  भारत का
भाग्य  खुला।
न जाने कितने
आजादी  का आनंद  मनाया।
कितने जागे, कितने उछले।
कितने स्वार्थ  में  सोये।
करोडों  सत्याग्रहियों के
कठोर परिश्रम।
कारावास  का कठोरतम दंड।
कइयों ने प्राण त्यागे।
कइयों ने तन सुख त्यागा।
पद त्यागा।धन त्यागा।
मन में भावी भारत वासियों की चिंता।
गुलामी-बेगारी भगाने  की चिंता।
उनका सपना आधी रात में साकार।
पर जो स्वार्थ थे:कामांध थे।
अपने  अपने सुख में  भग्न नग्न  नींद में।
दिन में जागे पद अधिकार में
ये ही शासक बने।भ्रष्टाचार  बढा।
आदर्श त्यागी दिन में  सो गये।
स्वार्थ   जाग गये।खान वंशज बनिया बना।
ठेकेदार बने। आधी रात जो  जाग
आनंद  मना रहे थे, सो गये।
 वतन की तरक्की  में  कुछ लोग,
अपनी तरक्की  में  कुछ लोग।
भारतीय  भाषा भूल गये।
भारतीय कला भूल गये।
जितेंद्रियता भूल गये।
 बिना अंग्रेज़ के दिवा नहीं
 के प्रचार में लगे।
परिणाम  तमा।तम छा गये।
बलातकार प्यार मनमाना।
बदमाश  नायक बन जाता  है।
शासक पुलिस अधिकारी खलनायक।
यही माया छायापट चित्र कथा।
न्यायधीश  अवकाश के बाद
खुल्लम-खुल्ला ऐलान  करता है
न्यायालय के  न्यायधीश को
 स्वतंत्रता नहीं ।
 पता नहीं,आजादी के बाद
हम रात में  है या दिन  में।
रात के पर्यायवाची शब्द  में
निशा में  चर जोड़  देखा तो
देश में  निशाचर नशाचर चोर डाकू
बलातकारी बढ  रहे हैं।
फिर भी देश तरक्की  के शिखर पर।
सबहिं नचावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन

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