कहानी शीर्षक :--सपनों से भरे नैना।
जब राम बच्चा था ,तब से आध्यात्मिक चमत्कार की बातें सुना करता था.
उसके दिमाग में अष्टसिद्धियाँ पाने की इच्छा के अंकुर फूटने लगे.कालिदास की कहानी सुनकर काली माता का ध्यान करता था. भक्तों को सद्यः वर देने वाले शिव का भक्त बनकर ॐ नमः शिवाय की तपस्या में लगा। सपनों से भरे नैना अष्टसिद्धि की कल्पना ,लघु रू से विराट रूप इस सपने में ही आदर्श भक्त बन गया.उसके मन से लौकिक विचार हट गए, तुलसी दास की कहानी से शारीर सड़नेवाली की बात आदि सुनकर साधू सिद्धपुरुष बन गया.उसको एक दिव्य शक्ति मिल गयी.वह आरादनीय व्यक्ति बन गया.यही आत्मसंयम का हिन्दू धर्म। सपनों से भरे नैना
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