Search This Blog

Tuesday, December 31, 2019

अधूरी ख़्वाहिशें ज़िन्दगी की.

विषय.. अधूरी ख़्वाहिशें ज़िन्दगी की.
१-१-२०२०

सबको नमस्कार।
चाह गई चिंता मिटी ,कहा कबीर ने।
अरमान न तो आशा नहीं ,क्रिया नहीं।
ख्वाहिशें ख़्वाब को पूरी करती।
अभिलाषा न तो ज्ञान नहीं।
ज्ञान नहीं तो क्रिया नहीं।
इच्छा शक्ति ज्ञान शक्ति क्रिया शक्ति
तीनों का महत्त्व आध्यात्मिक ध्यान।
हमारे साधू संतों ने मूर्ति रखीं मंदिरों में.
ख्वाहिशें निराकार ख़्वाबों को साकार बनाती।
संयम रहित कामांधकार ख्वाहिश नहीं।
लड़कियों के पीछे जाना ,
कुत्ते कुतिया के पीछे जाना दोनों बराबर।
इंसान हो तो इंसानियत जितेंद्र की ख्वाहिशें चाहिए।
स्वरचित स्वचिंतक यस.अनंतकृष्णन।

No comments:

Post a Comment