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Friday, December 20, 2019

उड़ान

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक 
यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 शीर्षक  :उडान।
 चिडिया उड़ती है।
पक्षी उडते हैं।
उड़ान की जरूरत
उनको नहीं।
ईश्वर ने पंख दिये हैं।
तमाशा  देखिए!
मुर्गा मुर्गी   मोर आदि  की
उड़ने की तेज
ऊँचाई   
बाज गरुड की तेज
 ऊँचाई
कितनी  ।
जहाज की पंछी
सूर ने कहा
जहाज में  ही आ जाता।
सूर का उड़ान सर्वत्र उडकर
श्री कृष्ण में  ही बस जाता।
ईश्वर  की सृष्टियों  में मानव श्रेष्ठ।
उनकी शक्ति  ईश्वर की देन।
उड़ान की ऊँचाई 
कल्पना का साकार
ऊँचे विचार निम्न विचार।
 पक्षी  अभयारण्य के  अध्ययन में
पक्षी  देश विदेश  हज़ारो मील उडकर
मौसम पर उड़ान भरते हैं।
देशांतरन की  शक्ति
न पास पोर्ट न विसा।
मानव की कल्पना
उड़ान में  बाधा नहीं  पर
कार्यान्वित करने में
उड़ान में बाधा।
मानव की कल्पना उड़ान की
ऊँचाई  ईश्वरीय देन।
मुर्गी बराबर उडते  कुछ।
बाज बराबर  उडते कुछ  लोग।
उल्लू की शक्ति   अंधेरे में
सबकुछ  दीख पडता।
कल्पना  के उड़ान में
अधिक  ऊँचाई नापना।
ऊँचाई  से पाताल के कीड़े पकडना।
एवरेस्ट तक पहुँचना।
ईश्वरीय देन।
अपना अपना भाग्य विशेष।
सबहिं  नचावत उडावत राम गोसाई।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन

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