Saturday, December 7, 2019

दुष्कर्म का अंत

मंच को प्रणाम।
वणक्कम।
 दुष्कर्मियों को  वध ही प्रधान।
शिव का काम वर देना।
विष्णु  का काम वध करना।
वध करने का काम ही
अत्याचार कर्मियों  का अंत।
भस्मासुर  को शिव ने वर दिया।
कौन सा वर अतिकर्ण कठोर।
निर्यात की चरम सीमा पर।
जिसके सिर पर वह हाथ रखता।
उसके सिर फट बिखर जाना।
भगवान ने वर दिया।
लोक संचारी नारद ने
विश्व कल्याण  के लिए
भस्मासुर  से कहा-
वर के सत्यापन  की जाँच
शिव के सिर पर हाथ  रख देख।
भस्मासुर शिव के सर पर हाथ रखने
शिव डरकर भागने लगा तो
वह असुर छोडने तैयार  नहीं ।
विष्णु  ने  लिया मोहिनी अवतार।
असुर ने शादी की इच्छा प्रकट की।
विष्णु  ने कहा मेरे जैसे नाचो।
तुरत करूँगी शादी।
नाचते-गाते नाचते-गाते सर पर हाथ रखा
तो असुर  ने  भी हाथ रखा।
असुर का सर चकनाचूर।
अत्याचार  बलात्कारी वर लेकर  आते हैं
अतः भ्रष्टाचार  ही बनजाते
सांसद। वैधानिक ।
वर देते जनता।
उनके अत्याचार अंत करने
 युगावतार का अंत चाहिए।
वध ही सही अतः
 मुगल दंड नीति बेहतर।
आँख तक मारने न होगा साहस।

स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।

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