आदी काल से आज तक ,
फिर भी न्यायप्रिय लोग ,
तटस्थ लोग जीते हैं।
जग में तो ईश्वरीय शक्ति साथ देती है.
गरीबों को भी जीने का रास्ता।
कूड़े उठानेनेवाले ,
भार उठानेवाले ,
गड्ढा खोदनेवाले ,
खेती करनेवाले ,
न हो तो अतः ईश्वरीय सृष्टि में
धन ही प्रधान नहीं ,
अंत में शव ही नाम।
फिर भी न्यायप्रिय लोग ,
तटस्थ लोग जीते हैं।
जग में तो ईश्वरीय शक्ति साथ देती है.
गरीबों को भी जीने का रास्ता।
कूड़े उठानेनेवाले ,
भार उठानेवाले ,
गड्ढा खोदनेवाले ,
खेती करनेवाले ,
न हो तो अतः ईश्वरीय सृष्टि में
धन ही प्रधान नहीं ,
अंत में शव ही नाम।
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