Wednesday, December 4, 2019

सबके नचावत राम गोसाई।



सबके नचावत राम गोसाई।

भीड़ के दौर में
रास्ता कौन दें।
शीर्षक तो सरलतम या
कठिनतम पता नहीं।
भीड़ हो या बाढ़ हो ,
डूबते जहाज हो या गिरते विमान हो
जलते जंगल हो ,या भूकंप हो।
ज्वालामुखी हो ,बंम मारी हो
रास्ता कौन देगा ,वह तो सृजनहार प्रभु।
रंक को राजा ,राजा को रंक।
लंगड़े को चोटी तक ले जानेवाले ,
अंधे को आँखें प्रदान करनेवाले ,
जन्म से अंधे ,जन्म से रोगी ,
जन्म से अमीरी ,जन्म से गरीबी ,
जन्म से पौरुष ,जन्म से नपुंसक
सृजनहार प्रभु ,देगा रास्ता।

सबके नचावत राम गोसाई।



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