तिरुक्कुरल ---२. वान चिरप्पु ---वर्षा की विशेषता।
१, वर्षा के होने से संसार जी रहा है; अतः वर्षा अमृत-सम है;
२. वर्षा अनाज और अन्य खाद्य -पदार्थों की उत्पत्ति करती है; प्यासे का प्यास बुझाती है।
३. वर्षा न होने पर समुद्र से घेरे इस संसार के लोग भूखे रहेंगे।
४. वर्षा न हुयी तो किसान हल लेकर खेत न जोतेंगे।. (परिणाम संकट में लोग. महंगाई )
५. बिना बरसे बिगाड़ेगी वर्षा जन जीवन को; यो ही बरसकर सुखीबनायेगी वर्षा।
६.. वर्षा की बूँदें आसमान से न गिरेंगी तो घास तक न पनपेगा ; न होगी हरियाली।
७. मेघ समुन्दर के पानी लेकर भाप बनाकर न बरसेगा तो समुद्र भी सूख जाएगा।
८. वर्षा न होगी तो ईश्वर की पूजा आराधना ,मेला उत्सव ,दैनिक पूजा पाठ सब बंद हो जाएंगे.
९. वर्षा न होगीतो संसार में दान -धर्म काम भी न चलेगा।
१०. बड़े बादशाह हो अर्थात सम्राट हो ,जितना भी महान हो ,पर वर्षा न होने पर जीना दुश्वार हो जाएगा। अनुशासन न रहेगा। सभी दुष्कर्म होने लगेगा।
५. बिना बरसे बिगाड़ेगी वर्षा जन जीवन को; यो ही बरसकर सुखीबनायेगी वर्षा।
६.. वर्षा की बूँदें आसमान से न गिरेंगी तो घास तक न पनपेगा ; न होगी हरियाली।
७. मेघ समुन्दर के पानी लेकर भाप बनाकर न बरसेगा तो समुद्र भी सूख जाएगा।
८. वर्षा न होगी तो ईश्वर की पूजा आराधना ,मेला उत्सव ,दैनिक पूजा पाठ सब बंद हो जाएंगे.
९. वर्षा न होगीतो संसार में दान -धर्म काम भी न चलेगा।
१०. बड़े बादशाह हो अर्थात सम्राट हो ,जितना भी महान हो ,पर वर्षा न होने पर जीना दुश्वार हो जाएगा। अनुशासन न रहेगा। सभी दुष्कर्म होने लगेगा।
तिरुक्कुरल ---२. वान चिरप्पु ---वर्षा की विशेषता।
१, वर्षा के होने से संसार जी रहा है; अतः वर्षा अमृत-सम है;
२. वर्षा अनाज और अन्य खाद्य -पदार्थों की उत्पत्ति करती है; प्यासे का प्यास बुझाती है।
३. वर्षा न होने पर समुद्र से घेरे इस संसार के लोग भूखे रहेंगे।
४. वर्षा न हुयी तो किसान हल लेकर खेत न जोतेंगे।. (परिणाम संकट में लोग. महंगाई )
५. बिना बरसे बिगाड़ेगी वर्षा जन जीवन को; यो ही बरसकर सुखीबनायेगी वर्षा।
६.. वर्षा की बूँदें आसमान से न गिरेंगी तो घास तक न पनपेगा ; न होगी हरियाली।
७. मेघ समुन्दर के पानी लेकर भाप बनाकर न बरसेगा तो समुद्र भी सूख जाएगा।
८. वर्षा न होगी तो ईश्वर की पूजा आराधना ,मेला उत्सव ,दैनिक पूजा पाठ सब बंद हो जाएंगे.
९. वर्षा न होगीतो संसार में दान -धर्म काम भी न चलेगा।
१०. बड़े बादशाह हो अर्थात सम्राट हो ,जितना भी महान हो ,पर वर्षा न होने पर जीना दुश्वार हो जाएगा। अनुशासन न रहेगा। सभी दुष्कर्म होने लगेगा।
५. बिना बरसे बिगाड़ेगी वर्षा जन जीवन को; यो ही बरसकर सुखीबनायेगी वर्षा।
६.. वर्षा की बूँदें आसमान से न गिरेंगी तो घास तक न पनपेगा ; न होगी हरियाली।
७. मेघ समुन्दर के पानी लेकर भाप बनाकर न बरसेगा तो समुद्र भी सूख जाएगा।
८. वर्षा न होगी तो ईश्वर की पूजा आराधना ,मेला उत्सव ,दैनिक पूजा पाठ सब बंद हो जाएंगे.
९. वर्षा न होगीतो संसार में दान -धर्म काम भी न चलेगा।
१०. बड़े बादशाह हो अर्थात सम्राट हो ,जितना भी महान हो ,पर वर्षा न होने पर जीना दुश्वार हो जाएगा। अनुशासन न रहेगा। सभी दुष्कर्म होने लगेगा।
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