Friday, January 29, 2016

पर पत्नी प्यार न करना -- तिरुक्कुरल १४० -१५०

पर पत्नी प्यार न करना --  तिरुक्कुरल १४० -१५० 
  1. संसार में   धर्म ग्रंथों के अति  शिक्षित लोग पर-नारी से प्यार नहीं करते।यह पर -नारी प्रेम  की बेवकूफी कभी नहीं करेंगे।
  2. धर्म मार्ग  छोड़कर  पर-नारी से प्रेम करनेवाले के सामान  अति मूर्ख  संसार में और कोई नहीं है। 
  3. जो लोग  विश्वसनीय  मानकर दोस्ती निभाते हैं ,उन्कीपत्नी से गलत सम्बन्ध रखनेवाले  लाश के सामान है। 
  4. भूल जानकर भी पर नारी से जबरदस्त करने वाले  कितने भी बड़े हो  वे अति नीच ही माने  जायेंगे.। 
  5. आसानी से पर -नारी से जबरदस्त  संबंध के विचार से गलती करनेवाले  स्थाईअपयश के पात्र बनेंगे। 
  6. दूसरों की पत्नी से जबरदस्त करने वाले स्थाई दुश्मनी मोल लेंगे। उनसे स्थाई भय ,स्थाई अपयश  छूटेंगे नहीं। 
  7. वही धार्मिक गृहस्थ है जो दूसरे की पत्नी के मोह में गलती नहीं करता।
  8. दुसरे की पत्नी को कामेच्छा से न देखनेवाला ही धर्म पुरुष और आदर्श गृहस्थ है। 
  9. समुद्र से घेरे इस संसार में वही श्रेष्ठ है ,जो  दुसरे की पत्नी को स्पर्श तक नहीं  करता।
  10. भले ही अधर्मी हो ,पर दुसरे की पत्नी की चाह न करना ही अच्छा है.


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