पर पत्नी प्यार न करना -- तिरुक्कुरल १४० -१५०
- संसार में धर्म ग्रंथों के अति शिक्षित लोग पर-नारी से प्यार नहीं करते।यह पर -नारी प्रेम की बेवकूफी कभी नहीं करेंगे।
- धर्म मार्ग छोड़कर पर-नारी से प्रेम करनेवाले के सामान अति मूर्ख संसार में और कोई नहीं है।
- जो लोग विश्वसनीय मानकर दोस्ती निभाते हैं ,उन्कीपत्नी से गलत सम्बन्ध रखनेवाले लाश के सामान है।
- भूल जानकर भी पर नारी से जबरदस्त करने वाले कितने भी बड़े हो वे अति नीच ही माने जायेंगे.।
- आसानी से पर -नारी से जबरदस्त संबंध के विचार से गलती करनेवाले स्थाईअपयश के पात्र बनेंगे।
- दूसरों की पत्नी से जबरदस्त करने वाले स्थाई दुश्मनी मोल लेंगे। उनसे स्थाई भय ,स्थाई अपयश छूटेंगे नहीं।
- वही धार्मिक गृहस्थ है जो दूसरे की पत्नी के मोह में गलती नहीं करता।
- दुसरे की पत्नी को कामेच्छा से न देखनेवाला ही धर्म पुरुष और आदर्श गृहस्थ है।
- समुद्र से घेरे इस संसार में वही श्रेष्ठ है ,जो दुसरे की पत्नी को स्पर्श तक नहीं करता।
- भले ही अधर्मी हो ,पर दुसरे की पत्नी की चाह न करना ही अच्छा है.
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