हमारा आत्म मंथन ,खुद को सुधारता है,
सामाजिक आत्ममंथन
कभी कभी बंदर -गौरैया
कहानी बन जाती है.देश भक्तों की आत्म मंथन
त्याग का मार्ग दिखाता है.
सांसद - वैधानिक के आत्म मंथन
आधुनिक काल में बदमाशी,
भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरीन जाने कितनी बातें
युवकों को बिगाड देती.
चित्रपट के मंथन सेयुवक पहले बदमाशी,
खूनी, बलात्कारी,
मध्यावधि के बाद
खुद कानून हाथ में ले
पुलिस, सांसद, मंत्री, न्यायाधीश ,
सब को अपने नियंत्रण में.युवकों में बुरा प्रभाव.
यों ही विचार मंथन व्यक्तिगत सुधार या बिगाड के मूल में.
सामाजिक आत्ममंथन
कभी कभी बंदर -गौरैया
कहानी बन जाती है.देश भक्तों की आत्म मंथन
त्याग का मार्ग दिखाता है.
सांसद - वैधानिक के आत्म मंथन
आधुनिक काल में बदमाशी,
भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरीन जाने कितनी बातें
युवकों को बिगाड देती.
चित्रपट के मंथन सेयुवक पहले बदमाशी,
खूनी, बलात्कारी,
मध्यावधि के बाद
खुद कानून हाथ में ले
पुलिस, सांसद, मंत्री, न्यायाधीश ,
सब को अपने नियंत्रण में.युवकों में बुरा प्रभाव.
यों ही विचार मंथन व्यक्तिगत सुधार या बिगाड के मूल में.
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