Thursday, February 22, 2018

भारत में पट कथा

बाह्याडंबर से मध्यवर्ग 
उठाते है कष्ट 
चित्रपट गया, सौ रुपये में 
गन्ना रस, दस रुपये के छोटा सा टुकडा, 
बाहर पच्चीस, वहाँ अंदर सौ. 
पुलिस, अधिकारी अन्य विभागियें को
वी ऐ पी पास,
बाह्याडंबर का बातें
मुझे विवश होकर नाते रिश्तों के संतोष
ते लिए जाना पडा.
वाहन खडा करने एक घंटे के तीस रुपये.
तीन घंटे बहार निकले चालीस मिनट.
चार घंटे के लिए 120.
हीरो बदमाश कई बलात्कार, हत्या के बाद
हीरोइन से मिलना, सुधरना, .
पुलिस अन्यायी, वकील न्यायाधीश अन्यायी
मंत्री राजनीतिज्ञ अन्यायी,
हीरो के हाथ में न्याय की रक्षा.
न सरकार, न पुलिस,

आहा! भारत की रक्षा.

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