प्रातःकालीन प्रणाम.
प्रार्थना है सर्वेश्वर से
| जब तक जिऊँ,
तब तक चलता फिरता रहूँ.
तन, मन, धन की
रहें पर्याप्त शक्ति
प्रार्थना है सर्वेश्वर से
| जब तक जिऊँ,
तब तक चलता फिरता रहूँ.
तन, मन, धन की
रहें पर्याप्त शक्ति
बुढापे में भी सेवा करने ,
सब के चाहक बनने,
सर्वस्व सुख ही सुख देखने,
संतोष मिलें, शांति मिलें,
सहर्ष कहूँ,
दैनिक निवृत्ति में
दिन दिन रहें तेरा अनुग्रह.
हेईश्वर! जब तक जिऊँ,
तब तक तन, मन, धन की शक्ति देना.
सब के चाहक बनने,
सर्वस्व सुख ही सुख देखने,
संतोष मिलें, शांति मिलें,
सहर्ष कहूँ,
दैनिक निवृत्ति में
दिन दिन रहें तेरा अनुग्रह.
हेईश्वर! जब तक जिऊँ,
तब तक तन, मन, धन की शक्ति देना.
No comments:
Post a Comment