जय जवान ,जय किसान
लाल देकर चले गए
बहादुर माई का लाल.
अब नदियाँ ,जीव नदियाँ
पानी के अभाव से मर रही हैं
हरे भरे खेत सूख रहे हैं.
कारखाने की धुएँ
प्रदूषण फैला रहे हैं .
भूतल पानी भूत बन डरा रहा है.
नदियों की सुरक्षा ,
राष्ट्रीयकरण न हो तो
खेत सूख जायेंगे
.
अनाज न उगेंगे .
प्यासे को पानी न मिलेगा.
नारा लगाओ - जय किसान जय जवान.
देश की सुरक्षा में रोज़ दो वीर प्राण समर्पण कर रहे हैं ,
दो आतंकी मरते हैं तो दो जवान.
ऐसी दशा बदलो, जवान न मरें, शत्रु ही मारें.
बोलो जय जवान , न तो देश की सुरक्षा कैसे?
देश
सांसद -विधायकों !
मंत्रियों ! राजनैतिक दलों!
आप चले जाएंगे सदा के लिए .
देश रहेगा भूखा -प्यासा भावी पीढ़ी
तडप्पेंगी ,
जरा सोचो , देश के लिए काम करो.
मतदाता !चुनाव के समय के इनाम-पैसे के लिए
देश बिगाडनेवाले भ्रष्टाचारियों को
न दो वोट, वे हैं मतलबी.
आगे आप की मर्जी ,
देश ही प्रधान ,याद रखना .
नारा लगाओ -जोर से जय जवान , जय किसान.
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