सपने होते हैं अनेक .
नींद में स्वप्न ,
निष्क्रिय बैठकर स्वप्न ,
कोई देवता या साधू
या
सिद्ध पुरुष की आशीषें मिलें,
कोई मन्त्र की छडी मिलें,
ईश्वर का वरदान मिलें.
ऐसे सपना साकार होना
भाग्य की बात हैं.
किसी किसी को जन्म से ही
कुछ बनने ,
समाज की भलाई करने का
ज्ञान मिलता रहता है;
आदि शंकराचार्य ,रमण महर्षी दोनों
बचपन से ही जगत कल्याण ,मुक्ति ,
ईश्वर की महिमा में
लग गए ,न उनको धन कमाने की चिंता ,
न कार ,बंगला की चिंता ;
केवल लोक कल्याण ,
जन कल्याण.
ईश्वर की महिमा में
लग गए ,न उनको धन कमाने की चिंता ,
न कार ,बंगला की चिंता ;
केवल लोक कल्याण ,
जन कल्याण.
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