एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई का नमस्कार। वणक्कम।।
जीवन की यात्रा शब्दों में।
शब्द की उत्पत्ति
कैसी हुई ?
पता नहीं।
दिव्योत्पत्तियों के
चमत्कारों में
भाषोत्पत्ति
अति अद्भुत।।
संकेत से
मनोभाव कैसे?
संकेत से पानी माँगना,
खाना माँगना,
हाथ जोड़कर
नमस्कार,
आँखों का इशारा
प्यार का संकेत।
आसान।
शब्द का तो अपना
विशिष्ट महत्व है।
मीठे शब्द ,कठोर शब्द।
दोस्ती बनानेवाले शब्द।।
जन्म वैरी बनानेवाले शब्द।
आशीषों के शब्द।
प्रशंसा के शब्द
निंदा के शब्द ।
घृणा प्रद शब्द।
तिरुवल्लुवर तमिल के विश्वविख्यात कवि,
उनके ग्रंथ तिरुक्कुरळ में
कहा है ---
आग की चोट जल्दी भरेगी।
जीभ की चोट कभी न भरेगी।।
रहीम ने कहा --
रहिमन जिहा बावरी,
कहि गइ सरग पताल।
आपु तो कहि भीतर रही,
जूती खात कपाल।।
शब्दों में ही जीवन की यात्रा है।
पाप-पुण्य,स्वर्ग -नरक,
जन्म -मरण, सुख-दुख,
सच- झूठ, नास्तिक -आस्तिक
लौकिक --अलौकिक
जीवन यात्रा शब्दों में।।
स्वरचित भावाभिव्यक्ति।
एस.अनंतकृष्णन।
स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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