Saturday, August 12, 2023

स्वतंत्रता दिवस

 नमस्ते वणक्कम।

स्वतंत्रता दिवस।

टुकड़े टुकड़े देश।

अलग अलग है वंशज।

आपसी लड़ाई।

एक राजकुमारी अपनाने 

 हजारों वीरों की पत्नियाँ

 विधवाएँ  , बच्चे अनाथ।।

 अंतःपुर में रानियों की संख्या।

  न सबको मंदिर दर्शन,

 न सर्वशिक्षा अभियान।।

 पर देश  की अद्भुत उन्नति।।

 साहित्य ,कला, ज्योतिष शास्त्र,

 वास्तुकला,चित्रकला, संगीत कला

 सब अदाओं में पारंगत भारत।।

 आ सेतु हिमाचल की आध्यात्मिक एकता।

 समृद्धिशाली देश।

 रसोई विज्ञान में ही स्वास्थ्य प्रधानता।।

 भारतीय भोगी नहीं त्यागी।।

 मंदिरों में भगवान की शक्ति।

 सोने चांदी हीरे-जवाहरात का खान।।

दक्षिण के चेर,चोऴ,पांडियन देश।।

 आपस में लगते मरते।

 पर तमिल भाषा के विकास करते।।

उत्तर की भाषाएँ, बोलियाँ असंख्य।।

 ऐसे सर्वसंपन्न देश पर

 विदेशी आक्रमणकारी की कुदृष्टि पड़ी।।

चढ़ाई करते,लूटते ,चले जाते।।

वीर राजाओं की वीरता के सामने टिक न सके।।

 आपसी ईर्ष्या में  विदेशियों के साथ देने लगे।

 परिणाम मुगलों का शासन।

राणा प्रताप सिंह, वीर शिवाजी

मुगलों  को चैन से रहने न दिया।

मुगलों का पतन, अंग्रेज़ों का आगमन।

उनकी चालाकी, षड्यंत्र,प्यार भरा धोखा।

बुद्धि जीवी संस्कृत वेद मंत्र सब तज,

 अंग्रेज़ी सीख, वकील, गुमाश्ता बने।।

अंग्रेज़ी शासन की प्रशंसक आज भी विद्यमान।।

 स्वतंत्रता लड़ाई में जितने नेता थे,

सब के सब अंग्रेज़ी भाषा में पारंगत।।

 आज़ादी  के  बाद की बड़ी भूल,

 राष्ट्रीय शिक्षा न होकर प्रांतीय शिक्षा।

 भारतीय भाषाओं से अंग्रेज़ी की प्रधानता।।

 उच्च शिक्षा केवल अंग्रेज़ी में।

अमीरों का अंग्रेजी पाठशाला,

 गरीबों तक बढ़ी।।

अब अभिभावक अंग्रेज़ी माध्यम के चाहक।।

अंग्रेज़ी जीविकोपार्जन का साधन।।

 तन पालने धन की प्रधानता।

 तब  आज सर्वत्र अंग्रेज़ी ही अंग्रेज़ी।।

ऐ टी क्षेत्र की नौकरी,

बस, अंग्रेज़ी । हिंदी के सरकारी खर्च बेकार ही।।

 अनूदित किताबें गोदामों में।।

  जय भारत। अंग्रेज़ी माध्यम की सरकारी अनुमति क्यों?

 एस.अनंतकृष्णन।

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