उमंग न तो
प्रयत्न नहीं,
प्रयत्न न तो
सफलता नहीं,
सफलता न तो
खुशी नहीं.
खुशी नहीं तो उमंग नहीं.
नीरोग काया,
न तो दौड धूप कैसे?
भारतीयों ने हजारों सालों
पहले मंदिरों में
गर्भ गृह के तीनों ओर
तीन शक्तियों की मूर्तियाँ रखी हैं,
वे हैं इच्छा शक्ति,
ज्ञान शक्ति,
क्रिया शक्ति
तीनों नहीं तो
जिंदगी बेकार.
उमंग नहीं, खुशी नहीं.
स्वचिंतक स्वरचित :-यस। अनंतकृष्णन
प्रयत्न नहीं,
प्रयत्न न तो
सफलता नहीं,
सफलता न तो
खुशी नहीं.
खुशी नहीं तो उमंग नहीं.
नीरोग काया,
न तो दौड धूप कैसे?
भारतीयों ने हजारों सालों
पहले मंदिरों में
गर्भ गृह के तीनों ओर
तीन शक्तियों की मूर्तियाँ रखी हैं,
वे हैं इच्छा शक्ति,
ज्ञान शक्ति,
क्रिया शक्ति
तीनों नहीं तो
जिंदगी बेकार.
उमंग नहीं, खुशी नहीं.
स्वचिंतक स्वरचित :-यस। अनंतकृष्णन
No comments:
Post a Comment