Saturday, January 5, 2019

सिद्ध पुरुष --तमिल के सिद्ध पुरुष (मु )

सिद्ध पुरुष --तमिल के सिद्ध पुरुष के गीत
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 अभिभावक से रखा
 दुलारा नाम भी
"शव "लाश " के नाम से
बदल जाता है।
 मन पसंद खरीदे कपडे भी
"जीर्ण वस्त्र "का नाम  पाता।
कठोर परिश्रम से बचाये
दौलत भी
वारीश ही भोगते।
मिलकर रही पत्नी या पति भी
साथ ही नहीं मर जाते।
कठोर दौड़ धुप
 किये शरीर
 प्राण खोकर पड़ा है।
प्यार की बातें जिसने  की ,
जान तक तजने की बात किसने की ,
वह आज गूंगा बन खड़ा है  या खड़ी है.
जिसे तुमने अपना नाता -रिश्ता माना ,
वह दूर खड़ा है.
तुम जिस जग  से आये ,
वह शरीर ईश्वर  की देन  है ,
तुम  तो चंद  दिनों का राह गीर हो।

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