सबको नमस्कार.
संचालक को नमस्कार.
शीर्षक :-
प्रेम प्रस्ताव :
जब मैं बच्चा था
तभी लड़कियों से
बोलना मना ू.
दादाजी कहते,
लडका लडकी
बात करना मना.
आज प्रेम प्रस्ताव के लिए
न कबूतर, न हंस.
सीधे मिलना, प्रस्ताव रखना,
न मना तो उच्छवास.
पत्र लिखना पुराना हो गया.
मोबाइल है सीधे मुख देखने भय है
तो मोबाइल में बुलाना.
सरलतम प्रेम प्रस्ताव.
जूतों का मार सहज.
गाली तो मधुर.
अंग्रेज़ी शिक्षा, लव लौ .
केवल प्रस्ताव रखने साहस चाहिए.
मोबिल चाहिए.
अमीरी का प्रस्ताव
गरीबी का प्रस्ताव
सब कुछ आसान.
स्वरचित स्वचिंतक:यस.अनंतकृष्णन
संचालक को नमस्कार.
शीर्षक :-
प्रेम प्रस्ताव :
जब मैं बच्चा था
तभी लड़कियों से
बोलना मना ू.
दादाजी कहते,
लडका लडकी
बात करना मना.
आज प्रेम प्रस्ताव के लिए
न कबूतर, न हंस.
सीधे मिलना, प्रस्ताव रखना,
न मना तो उच्छवास.
पत्र लिखना पुराना हो गया.
मोबाइल है सीधे मुख देखने भय है
तो मोबाइल में बुलाना.
सरलतम प्रेम प्रस्ताव.
जूतों का मार सहज.
गाली तो मधुर.
अंग्रेज़ी शिक्षा, लव लौ .
केवल प्रस्ताव रखने साहस चाहिए.
मोबिल चाहिए.
अमीरी का प्रस्ताव
गरीबी का प्रस्ताव
सब कुछ आसान.
स्वरचित स्वचिंतक:यस.अनंतकृष्णन
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